#iphone7_औरढाईमाला.
-------------- बा. र. शिंदे
आज कुछ निजी काम के चलते मै घर से ऑफिस के लिए देर से निकला था । हुवा यूं की जैसे मै बांद्रा रेल्वे (लोकल ) स्टेशन पहुँच गया और लोकल से उतर गया । लोकल बांद्रा थी और वापिस सी एस टी जाने वाली थी ( बांद्रा –सी एस टी ) और रोज की तरह स्टेशन से बाहर पश्चिम की ओर निकलते हुये रिक्शा ले लिया जैसे ही रिक्शा मे बैठ गया तब पता चला की मेरे जेब मे मैंने हल्कापन महसूस पाया । तब पता चला की मेरा मोबाइल नहीं है ? (मै दो मोबाइल इस्तेमाल करता हूँ,एक आंड्रोइड और एक इओएस )
एकदम से शॉक लगा ,चलो अभी मेरा मोबाइल गुम हो गया । यह मन ही मन मे ठान लिया , फिर मैंने तुरंत रिक्शा छोड़ दी । और जिस स्टाल से ठंडा खरीदा था उस स्टाल तक जाने की सोचकर स्टेशन की ओर भाग ही रहा था तब मेरा बड़ा बेटा आदित्य का कॉल आया ,कुछ पल लगा की इस समय अदित्या कॉल किंव कर रहा है ? जैसे ही मैंने उठाया तब उस ओर से आवाज आयी की आपका कहाँ है ? मोबाइल किसी और को मिला है और कहते है की वी.टी.आकार ले जाओ । मेरे बेटे के यह शब्द सुनकर मेरी बड़ी हुयी धड़कन थम गयी ।
मै तुरंत बांद्रा प. टिकट विंडो से सी एस टी का वापसी का टिकट लिया। बांद्रा से तेज लोकल लेकर वाया दादर सी एस टी पहुँच गया । जिन्हे मेरा मोबाइल लोकल ट्रेन मे प्राप्त हुवा था वे एक पेशे से बड़े सज्जन वकील है उन्होने किल्ला कोर्ट सी एस टी मे मिलने को कहा । मै उन्हे वहाँ पहुँचते ही कॉल लिया उन्होने मुझे ‘ढाई माले’ पर आने को कहा । जैसे मै कोर्ट मे पहुँच गया तो बड़ी तादात मे पुलिस कर्मी बैठे दिखाई दिये । और ढेर सारे वकील ।
मै उन्हे वाहा से और दुबारा कॉल किया की मुझे ‘ढाई माला’ समज नहीं आरहा है । फिर से उन्होने कहा की आप पहले माले पे आओ । तब एक नीचे सेकुरिटी मे बैठी पुलिस महिला से पूछा की यह ढाई माला किधर है ? वह भी चौक गयी और कहा की मै नहीं जानती । मै तो पहली बार सुनरही हूँ । और मेरी मुसीबत बढ़ और बढ़ गयी ।
किला कोर्ट अंग्रेज़ के जमाने का कोर्ट है यह ,उनका एक माला ही हमारे चार माले की तरहा है । मै एक ही माले पर गया लिकिन येसा लगा की मै चौथी मंजिल पार किया हूँ । क्या करे गुम हुवा मोबाइल वापस मिलनेकी की खुशी मे मै इतनी तेज ऊपर गया की मै कितनी मंजिल ऊपर आया यह भूल गया । मेरे पैर का पुराना दर्द भूल भी गया । जैसे ही ऊपर आया तब मेरे दूसरे मोबाइल से मेरे ही मोबाइल पर कॉल किया । तभी वे भले इंसान मेरे सामने ही खड़े थे । हात ऊपर किए हुये पास मे आने का इशारा कर रहे थे।
भला इंसान ।मुसकुराते हुये उन्होने मेरे हाथ मे हाथ दिये हुये मेरा सन्मान किया । मैंने आपसे बेटे से बात की थी । उन्होने मेरे फोन से एमर्जेंसी नंबर पर कॉल किया था तब एक ही बार मेरी पत्नी ,मेरे दो बेटे के पास कॉल गया था ....
आप भी आपने मोबाइल मे घर के सभी सदस्यो के एमर्जेंशी नंबर दल सकते हो ...
उन्होने मुझे आपने टेबल पर बिताया ,हम दोनों की पहचान हुयी और मैंने जापानी स्टाइल मे उनका शुक्रिया किए हये कोर्ट छोड़ दिया ...
(मा. वकील साहेब हे हिन्दी भासिक आहेत ,हा संदेश त्यांच्या प्रएंत जावा हा हिन्दी लिहण्याचा मनसुबा होता ).
मिनांडर