भारत में सिंदूर की खोज नागों ने की थी। इसीलिए सिंदूर के पर्यायवाची शब्दों में नागों की इस खोज का इतिहास छिपा हुआ है।
सिंदूर को नाग-संभूत कहा जाता है। मतलब कि सिंदूर को नागों ने उत्पन्न किया। इसे नागज भी कहा जाता है। मतलब कि सिंदूर को नागों ने जन्म दिया।
सिंदूर नागों के संग ऐसा घुलमिल गया कि इसे नागरेणु ( नागचूर्ण ) भी कहा जाता है।
सिंदूर का मूल रंग पीलापन लिए लाल होता है। इस रंग को नागरंगी कहते हैं। नाग यहां भी है। इसी से नारंगी बना है। ऐसा फल जिसका नाम रंग के आधार पर बाद में पड़ा।
नारंगी ( नागरंगी ) को ईरान के लोगों ने नारंग कहा और अरब के लोगों ने नारंज कहा। नारंज को स्पेन के लोगों ने नारंजा और पुर्तगाल के लोगों ने लारंजा कहा।
नारंजा ही अंग्रेजी का ऑरेंज ( Orange) है। ऑरेंज में नाग छिपा हुआ है। नागों का इतिहास सात समंदर पार ऐसे पहुंचा हुआ है कि हमें कानों - कान खबर नहीं है।