Saturday, July 8, 2023

विनय पिटक का विनय मतलब विनायक

विनय पिटक का विनय मतलब विनायक : 

गोतम बुद्ध तथागत का एक नाम विनायक भी  है। विनायक का मतलब विनय के गुरु। विनय के गुरु सिर्फ तथागत ही थे। इसिलए विनय पिटक में उन्हीं के वचन हैं। विनय पिटक एक उसिका अंग है 

 त्रिपिटक : (तीन पिटक )

(१) विनयपिटक  : सुत्तविभंग (पाराजिक, पाचित्तिय),खन्धक (महावग्ग, चुल्लवग्ग) परिवार,पातिमोक्ख,

(२) सुत्तपिटक दीघनिकाय,मज्झिमनिकाय,संयुत्तनिकाय,अंगुत्तरनिकाय,खुद्दकनिकाय,खुद्दक पाठ,धम्मपद,उदान,इतिवुत्तक,सुत्तनिपात,विमानवत्थु,पेतवत्थु,थेरगाथा,थेरीगाथा,जातक,निद्देस,पटिसंभिदामग्ग,अपदान,बुद्धवंस,चरियापिटक

(३) अभिधम्मपिटक :  धम्मसंगणि,विभंग,धातुकथा,पुग्गलपंञति,कथावत्थु,यमक,पट्ठान।


यदि कनिंघम ने विनायक का अर्थ विनय का गुरु किया है तो गलत नहीं किया है। सही है।एसे सच्चे लोगों ने इस पवित्र धम्म को जीवन दान दिया है । वे इस भारत मे न आते तो यह पवित्र धम्म कब का नामसेष हुवा होता ।  

विनायक का आधार नायक ,नेता नहीं राज्य कर्ता तो कतई है नहीं बल्कि विनय है। इसीलिए विनय विनायक होता है । नायक विनायक नहीं होता है ।

राजस्थान में जो प्रसिद्ध बौद्ध गुफा विनायक है, वह तथागत के नाम के कारण है। गाँव बिनायग है । 

( तस्वीर विनायक बौद्ध गुफा की है।


प्रा बी आर शिंदे ,नेरुल नवी मुंबई । 


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