Tuesday, June 2, 2020

करुना के धनि : करुनानिधि

करुना के धनि : करुनानिधि


पिचले पच्चीस साल से हम  एम् के करूणानिधि के बारे में पढ़ रहे हे और टी.व्ही. पर देख रहे है की करूणानिधि और कोई किसी भारतीय के लिए नया नहीं है .जीस दिन वह इस संसारसे  अलविदा हो गए उसी दिन पुरे अख़बार पे एक ही खबर पहले पन्ने पे थी और वह खबर थी पाच बार तमिलनाडु राज्यके मुख्यमंत्री रह चुके एम् करूणानिधि अब नहीं रहे .तेरा बार विधायक रह चुके थे .

उम्र के १४ वे साल में वह राजकीय क्षेत्र में आये थे ,उनका पारिवारिक नाम दक्शिनामुर्थी था ,केलिन उन्होंने आपना नाम करूणानिधि रखा था .यह एक एसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने १५ अगस्त १९४७ में रिपुब्लिक दे का ध्वज लहराया था जब की यह अधिकार  सिर्फ राज्य के राज्यपाल का ही होता है .

सि.एन.अन्नादुराइ के निधन के बाद १० फेब्रुवारी १९६९ की पहलीबार उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी .पराशक्ति सिनेमा के लिए जो क्रिप्ट लिखी थी ,उसमे शिवाजी गणेशन ने किरदार निभाया था ,वह फिल्म तमिल नाडू के इतिहास में मिल का पत्थर साबित हुई थी ,जो १९५२ में बनी थी .

१० अगुस्त १९४२ में उन्होंने एक अपने पार्टी का माशिक मुखपत्र भी शुरू किया था ,तब उनकी उम्र सिर्फ १८ साल की थी .फ़िल्मी दुनिया में कलिंगर नाम से मशहूर थे ,उनके सिनेमा ,स्टोरी और डायलोग बहुत ही मशहूर थे .

लेकिन  उनके  जो दुसरे पहलु है किसीने बताने की जुर्रत नहीं की वे एक सामाजिक उत्थान के महामहिम बादशहा भी थे .अब सवाल यह उठता है क्या वह सिर्फ विधायक और मुख्यमंत्री थे ? नहीं वह एक असामन्य महा योधा थे सामाजिक उत्थान और दलित वर्ग के उत्थान के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित किया था .

इस सदी के नायक का एक दलित परिवार के थे उनका जन्म नागापट्टनम जिले के थिरुखुवालाई गाँव में दिंनाक ३ जून १९२४ में हुवा था .मंदिर के बाहर बाजा बजाने वाला उनका घराना था ,उशी घराने में उनका जन्म हुवा ,और उनके पिताजी वाही बाजा बजनेका कम करते थे .इशी द्रविड़ी संस्कृति ने ब्राह्मण के खिलाप अपना आवाज उठाया था ,और ब्राह्मण के वर्चस्व को धुल चकाइ थी .

सामाजिक उत्थान में उनका बहुत ही योगदान रहा है .उनके राजकीय गुरु अन्नादुराई का निधन होने के बाद समाजकारण और राजकारण की आगेकी कमान आपने संभाल ली .पिचले ५० साल की राज्किर्द मिसाल उन्होंने बरक़रार रखा था .केंद्र में भी उनका स्थान उच्च था ,फिर भी उन्होंने किसके तलवे चाटने के लिए दिल्ली की कभी उस बहाने दस्तक  नहीं था  .जब इंदिराजीके कार्यकाल  में अनिबानी की घोषणा हो गयी थी तब उन्होंने कसकर उसका विरोध किया तो उनकी सरकार  बरखास्त की गयी .फिर भी वह कब डगमगाए नहीं उन्होंने उह्होने उसका डटकर सामना किया और आगे जाकर “२ सप्टेम्बर १९६९  को राजमनार समिति की स्थापना करके राज्य के अधिकार को  और मजबूत करने के प्रयास किया इस समिति के चेरमन डॉ.पी.व्ही.राजमनार थे .यह केंद्र –राज्य जाच समिति थी ,जिसका जिसका केंद्र और राज्य के बिच सम्बन्ध के बारे में सेटउप था .इसिलए इनका भारत के सांघिक और एकात्म का बहुत ही बढ़ा योगदान रहा है .

वे केवल प्रादेशिक द्रविड़ अन्दोलन कर्ता थे बल की एक वैश्विक सामाजिक और निरीश्वरवादी और तर्कनिष्ठा के योधा थे .इसके चलते पाखंडी विचारधरा को उन्होंने जेर बंद करके रखा था .धर्मसत्ता को विरोध करके ही उन्होंने राजकीय सत्ता हाशिल की थी .

सिर्फ इन्हिके सत्ताकाल में मागास जातिके के लिए आरक्षण शुरू किया था.इतना ही तर्कसंगत सभी जगह जैसे समाजकारण ,राजकारण,अर्थव्यस्था और नोकरी में सामान अधिकार देना का प्रयास किया था .

उत्तरप्रदेश में मागास्वर्ग का जो आन्दोलन शुरू हुवा था उसके पहले तमिलनाडु में करुंनिधिने मागास वर्ग के लिए आन्दोलन शुरू किया था ,यह मागास समाज के सभी तरह के उत्थान के लिए उनका योगदान बहुमूल्य है .इसलिए उनके दुरद्रस्थी की पहचान होती है .

इन्हिके अधेक्ष्ता में इन्हें के  पक्ष “द्रविड़ मुन्नेत्र कळघम” ने अनेक सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम चलाये.खुद गरीबी मे दिन निकलने वाले करुणानिधी ने उसकी दाहकता नापी थी ,इशी को मद्दे नजर रखते हुये उन्होने बहुजन वर्ग के लिये बहुत हि उमदा काम किया था ,जैसे हाथ से रिक्षा चलाने वाले गरीब लोगोंकी अमानवीय प्रथा बंद की थी और उन्हें सामान रोजगार उपलब्ध किया था .इन्हें शिक्षा के अवसर दिए औए उनके उत्थान का कम किया था .परिवार के प्रथम पद्विधारक को पूरी की पूरी शिक्षा मुफ्त करवाई थी.दवाखाने में मुफ्त इलाज और उनके लिए मुफ्त में विमा भी शुरू किया था .महिलओंके लिए संपत्ति अधिकार और उन्हें मुफ्ते में पूरी शिक्षा का प्रावधान किया गया था .समाज कल्याणकरी व्यवस्था जैसे रेश्निग प्रणाली सबसे सक्त आजभी इशी राज्य में है जो गरीब के लिए उन्होंने शुरू की थी .

वे एक भले समाज धुरीन थे , रामास्वामी पेरियार उनके गुरु थे ,उन्हीके विचारोंका बहुत ही असर था सामजिक उथल पुथल उन्हिसे हासिल की थी ,उन्ही को आपना शिश्तव बहाल किया था .


प्रा बालाजी रघुनाथराव शिंदे 

9702158564 

balajishinde65@gmail.com  


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