बुरांश के पुष्प रस
१६/०७/२०१७
बुरांश को मैंने कभी सुना था न कही पढ़ा था जब मै,जुलाई २०१७ में ऑफिस कामकाज के लिए देवर ,गुप्तकाशी उत्तराखंड में गया तो एक दिलचस्प बात सामने में आयी .वह था बुरांश के पेड़ो में उगने वाला लाल रंग का फुल ,याने की बुरांश का पुष्प .
मै वहा विवेकानंद नमक आश्रम में रुका हुवा था ,जब हम सुबह का नाश्ता के लिए वहा गए तो वहा के व्यवस्थापक डॉ ने बताया की आपको यहाँ का एक प्रसिद्ध फुल है बुरांश उशिका आपको जूस पिलाते है ,और हमने वहा पहली बार बुरांश के फुल के रस का स्वाद लिया ,बड़ा राशीला और स्वादिस्ट और खुशबुदार लगा .
बुरांश के पेड़ोंको आनेवाला एह एक मौसमी फुल है जनवरी से लेकर मार्च तक ही इसकी बहार रहती है .यह फुल लाल, पिंक और सफ़ेद रंग में आता जरुर है लेकिन लाल का बहुत ही बोल बाला है.बुरांश पुष्क भारत में ही नहीं दुनिया के कई देशो में पाये जाते है ,भारत में उत्तरखंड पहाड़ी इलाकोमे और ,हिमांचल में पाया जाता है ,यह उत्तराखंड राज्य का राज्य पुष्प है और नेपाल का राष्ट्रीय पुष्प है .
"बुरांश " को हिंदी में हर्तिका के नाम में जाना जाता है , इसका शरबत, जो पूरी तरह से मिठाई और सिरप की तरह लगता है जो की इसमें कोई मिलावट नहीं की जाती .इसका पेय बहुत ही अच्छा है .और यह पेय गुणवत्ता भरा हुवा है.
Rhododendron नाम से अंग्रेजी में जाना जाने वाला यह पुष्प . नाम से ग्रीक भाषा का मूल नाम है Rhodo मतलब फुल और Dendron का मतलब पेड़ है ,दुनिया भर में पाया जाने वाला यह पुष्प गहरे लाल रंगोसे बहुत लोकप्रिय और व्यापक रूप में पाए जाते है।
अभी इसका महत्व भी जानलेना जरुरी है .यह एक औषदी फुल है ,यह गर्मी के दिन लाभकारी है,यह लीवर ,किडनी साफ करने में मदत करता है.एह शक्तिवर्धक और पौष्टिक से भरा हुवा है ,खेल और खिलड़ी को स्फूर्ति के लिए लाभकारी है.इतना ही नहीं रक्त पोशिकाओको बढानेमे भरपूर मदत करता है .
यहाँ के महिलओके लिए एक अम्दानिका जरिया बना है ,यहाँ के महिलओने एक सहायता संघ बनाकर बुरांश के पुष्प का जुस बनानेका काम शुरू किया है .यहाँ की महिलाये इसे जंगल से चुनकर लाती है और जूस निकालनेका काम करती है .जादातर महिलओंकी रोजी रोटी इसपर निर्भय है.
तो आप भी पि लीजिये ये कुदरती पुष्प का जूस और राखिय आप और आपनेको तंदुरुस्त .
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